Maldives : मालदीव के एक मंत्री ने अपने भारत और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ किए गए तीखे टिप्पणियों के कारण लोगों में आपसी मतभेद की बातें उठी हैं। लोग कह रहे हैं कि मालदीव, जो पर्यटन पर अधीन है, अब भारत की महत्वपूर्णता को समझने में कमी कर रहा है, और कई यात्री अपनी योजनाएं रद्द करके लक्षद्वीप का समर्थन कर रहे हैं।
Maldives मंत्रियों का PM मोदी पर निशाना
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा ने दुनिया भर में चर्चा को तेज़ किया है, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। इस दौरे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और भारत में मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई है। मालदीव के कुछ मंत्रीयों ने इसे लेकर टिप्पणियां की हैं, जिससे सोशल मीडिया पर विवाद उत्पन्न हुआ है। अब भारतीय यूजर्स मालदीव को बॉयकॉट करने का आदान-प्रदान कर रहे हैं और लक्षद्वीप की ओर जाने की बात कर रहे हैं। इस मामले में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने भी मंत्रीयों की आलोचना की है। सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives हैशटैग ट्रेंड कर रहा है, जिसमें लोग मालदीव को आलोचना कर रहे हैं और लक्षद्वीप का समर्थन कर रहे हैं।
कुछ मालदीव के मंत्री थोड़ी बुरी तरह से प्रधानमंत्री की तस्वीरों पर सोशल मीडिया पर टिप्पणियां कर रहे थे। और अब उन्हें उनके ही देशवासियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंत्रियों के ऐसे व्यवहार को कड़ी निंदा की है।
क्या कहा मालदीव मंत्रियों ने पीएम मोदी को?
मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला मोहजुम माजिद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के संदर्भ में अपनी राय दी की है। उनका कहना है कि मालदीव का पर्यटन इतना भी कमजोर नहीं है और वह भारतीय पर्यटन के साथ मुकाबला कर सकता है। उन्होंने अपने रिजॉर्ट की इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ावा दिया, कहते हुए कि वह भारत के कुछ स्थानों से बेहतर है। इस पोस्ट में पीएम मोदी को टैग करके, उन्होंने सोशल मीडिया पर एक नया विवाद को जन्म दिया है।
एक और मालदीवी नेता, जाहिद रमीज, ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने पर टिप्पणी की है, कहते हुए कि “यह तो अच्छा है, लेकिन हमसे प्रतिस्पर्धा करना एक भ्रम है। उन्हें हमारी सर्विस कैसे मिलेगी? साथ ही, यह भी पूछा गया है कि वहां की साफ़ सुरक्षा कैसे बनाए रखी जा सकती है और कमरों में हमेशा रहने वाली बदबू भी एक बड़ी चुनौती है।
The move is great. However, the idea of competing with us is delusional. How can they provide the service we offer? How can they be so clean? The permanent smell in the rooms will be the biggest downfall. 🤷🏻♂️ https://t.co/AzWMkcxdcf
— Zahid Rameez (@xahidcreator) January 5, 2024
सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड
जैसे ही सोशल मीडिया पर लोग मालदीव के खिलाफ अपने गुस्सा को व्यक्त कर रहे हैं, एक सामान्य बात है कि मालदीव को इससे झटका लगेगा। मालदीव की आर्थिक स्थिति मुख्यत: पर्यटन पर निर्भर है, और सोशल मीडिया पर लोग अपने टूर को रद्द करने का निर्णय लेते हुए स्क्रीनशॉट्स शेयर कर रहे हैं।
एक्स पर एक यूजरना में अपनी मालदीव की ट्रिप को रद्द करके लिखा कि,
Had a 3 week booking worth ₹5 lacs from 1st Feb 2024 at Palms Retreat, Fulhadhoo, Maldives. Cancelled it immediately after their Ministers being racists.
Jai Hind 🇮🇳#BoycottMaldives #Maldives #MaldivesKMKB pic.twitter.com/wpfh47mG55
— Rushik Rawal (@RushikRawal) January 6, 2024
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